
कवर्धा: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जनपद पंचायत बोड़ला के निलंबित सहायक लेखा अधिकारी नरेंद्र राउतकर के घर पर छापा मारा है। राउतकर को बीते 12 सितंबर को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। अब एसीबी की टीम उनके घर और अन्य ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
बोड़ला के ग्राम कुकरापानी की सरपंच मोती बैगा ने एसीबी में शिकायत की थी कि राउतकर उनसे आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए स्वीकृत राशि जारी करने के एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कर राउतकर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था।
एसीबी की कार्रवाई
आज सुबह छह बजे एसीबी की टीम राउतकर के आनंद विहार स्थित घर पहुंची और तलाशी शुरू कर दी। टीम ने राउतकर के अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की है। एसीबी का कहना है कि राउतकर पर अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों से भी रिश्वत लेने का आरोप है।
क्यों है ये मामला गंभीर?
यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार सरकारी तंत्र में कितना गहराई तक रचा-बसा है। एक सहायक लेखा अधिकारी द्वारा खुलेआम रिश्वत लेना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि जनता के विश्वास को भी धोखा है।
आगे क्या होगा?
एसीबी की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है। अब देखना होगा कि इस मामले में एसीबी क्या कार्रवाई करती है और राउतकर को कितनी सजा होती है।
यह मामला एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी।
मुख्य बिंदु:
- एसीबी ने निलंबित सहायक लेखा अधिकारी नरेंद्र राउतकर के घर पर छापा मारा
- राउतकर को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था
- एसीबी आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है
- राउतकर पर अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों से भी रिश्वत लेने का आरोप है।



