
सक्ती। नगर पालिका सक्ती के चुनावी समर में कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही प्रमुख पार्टियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। जनता ने पारंपरिक राजनीति को नकारते हुए निर्दलीय प्रत्याशी श्यामसुंदर अग्रवाल (ऑटो छाप) को भारी मतों से विजयी बनाया। यह जीत न केवल उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है, बल्कि नगर की राजनीति में एक नया बदलाव भी लेकर आई है।
भारी मतों से मिली ऐतिहासिक जीत
श्यामसुंदर अग्रवाल ने दोनों राष्ट्रीय दलों को पीछे छोड़ते हुए नगर पालिका अध्यक्ष पद पर शानदार जीत दर्ज की। उनके पक्ष में जबरदस्त जनसमर्थन देखने को मिला, जिससे यह साफ हो गया कि जनता अब केवल पार्टी के नाम पर नहीं, बल्कि योग्य नेतृत्व को प्राथमिकता दे रही है।
कांग्रेस-भाजपा की रणनीति हुई फेल
इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया। महंगे प्रचार, बड़े-बड़े वादे और राजनीतिक समीकरणों के बावजूद मतदाताओं ने श्यामसुंदर अग्रवाल पर भरोसा जताया। उनकी जीत यह दर्शाती है कि जनता अब जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं को ही स्वीकार कर रही है।
नगर में जश्न का माहौल
श्यामसुंदर अग्रवाल की ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे नगर में जश्न का माहौल है। उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला, पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी। अग्रवाल ने अपनी इस जीत को जनता की जीत बताते हुए कहा कि वे नगर के विकास और जनसेवा के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे।
नगर की राजनीति में नया अध्याय
यह जीत नगर पालिका सक्ती के लिए एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत मानी जा रही है। यह स्पष्ट हो गया है कि अब जनता केवल पार्टी विशेष की जगह विकास और सुशासन को महत्व दे रही है। अब देखना होगा कि श्यामसुंदर अग्रवाल अपने कार्यकाल में नगर की जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरे उतरते हैं। लेकिन एक बात तय है—यह जीत नगर की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगी।



