
शर्मनाक सौदा: बेटियों को शादी और नौकरी के नाम पर बेचा जा रहा था
रायपुर/पटना: क्या कोई इंसान की कीमत सिर्फ 50 हजार हो सकती है? वो भी मासूम बच्चियों की? छत्तीसगढ़ की बेटियों के साथ जो हुआ, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला सच है! बिहार के सारण जिले में पुलिस ने छापा मारकर 44 लड़कियों और 3 बच्चों को मुक्त कराया, जिनमें से ज्यादातर छत्तीसगढ़ की थीं। इन मासूमों को शादी और नौकरी के झूठे सपने दिखाकर बिहार लाया गया और फिर 50-50 हजार रुपये में बेच दिया गया।
राजनांदगांव से सबसे ज्यादा बेटियां लापता
बचाई गई लड़कियों में सबसे ज्यादा 10 लड़कियां राजनांदगांव जिले की थीं। रायपुर, मुंगेली और बलौदाबाजार की भी कई बच्चियां इस तस्करी का शिकार बनीं। इनकी दर्दनाक कहानियां रुला देने वाली हैं—किसी को अमीर घरों में नौकरानी बना दिया गया, तो किसी की जबरन शादी कर दी गई।
छत्तीसगढ़ सरकार एक्शन में, बिहार भेजी टीम!
जैसे ही इस खौफनाक मामले का खुलासा हुआ, छत्तीसगढ़ सरकार ने तत्काल पुलिस, प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की एक विशेष टीम बिहार भेजी। यह टीम जांच करेगी कि यह नेटवर्क कैसे काम कर रहा था और कौन-कौन इसके पीछे है।
क्या इंसाफ मिलेगा इन मासूमों को?
यह मामला छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी के खौफनाक जाल की पोल खोलता है। गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाकर कैसे बच्चियों को बेच दिया जाता है, यह इस घटना ने साबित कर दिया है। लेकिन अब सवाल यह है—क्या इन मासूमों को इंसाफ मिलेगा? क्या गुनहगारों पर कड़ी कार्रवाई होगी?
छत्तीसगढ़ और बिहार पुलिस की संयुक्त जांच से इस गंदे खेल का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। लेकिन यह सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर एक बड़ा सवाल है—हमारी बेटियां कब तक बिकती रहेंगी?



