
सक्ती, 10 अप्रैल |
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में छोटे मूल्य के सिक्कों को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया गया है। अब यदि कोई दुकानदार एक या दो रुपये के सिक्के लेने से मना करता है, तो उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाएगा। यह आदेश जिले के कलेक्टर अमृत विकास तोपनो द्वारा बुधवार को जारी किया गया।
सिक्कों को लेना अब अनिवार्य
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक और दो रुपये के सिक्के कानूनी मुद्रा हैं, और इनका बाजार में लेन-देन वैध है। कुछ दुकानदारों द्वारा इन सिक्कों को लेने से मना करने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते यह सख्त कदम उठाया गया है।

राजद्रोह के तहत होगी कार्रवाई
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सिक्के न लेने वाले दुकानदारों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124(A) और धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
“भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी सिक्के वैध मुद्रा हैं। इनका उपयोग करना सभी के लिए अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी,”
– अमृत विकास तोपनो, कलेक्टर, सक्ती
व्यापारियों के लिए चेतावनी
कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में यह भी कहा गया है कि सिक्कों के प्रचलन को अस्वीकार करना कानून का उल्लंघन माना जाएगा। अगर कोई दुकानदार इन सिक्कों को लेने से मना करता है, तो ग्राहक इसकी शिकायत सीधे प्रशासन से कर सकता है।
आमजन को राहत
इस आदेश से आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है, जो अक्सर सिक्के न लेने की वजह से दुकानदारों से झगड़ते नजर आते हैं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि सिक्के न लेना न सिर्फ गलत है, बल्कि गंभीर अपराध भी बन सकता है।



