
जांजगीर-चाम्पा और सक्ती जिले में हुए नगर पालिका एवं नगर पंचायत चुनावों के नतीजे चौंकाने वाले रहे। बीजेपी ने जहां सबसे ज्यादा 9 सीटें जीतकर अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई, वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए 4 सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस को 3 और बसपा को 1 सीट मिली।
बीजेपी का परचम – 9 सीटों पर शानदार जीत!
बीजेपी ने इस चुनाव में मजबूती से अपनी जड़ें जमाईं। जांजगीर से चित्रलेखा गढ़वाल, चाम्पा से प्रदीप नामदेव, राहोद से प्रमिला कश्यप, खरौद से गोविंद यादव, नवागढ़ से अर्चना देवांगन, बाराद्वार से नारायण कुर्रे, डभरा से दीपक साहू, चंद्रपुर से ओम प्रकाश देवांगन और शिवरीनारायण से राहुल थवाईत ने कमल खिलाया।
निर्दलीयों की ताकत – 4 सीटों पर दिखाया दम!
जनता ने निर्दलीय प्रत्याशियों को भी खुलकर समर्थन दिया। नरियरा से राधिका सहगल, अकलतरा से दीप्ति रोहित सारथी, जैजैपुर से बलराम चन्द्रा और सक्ती से श्याम सुंदर अग्रवाल ने बड़ी जीत हासिल की।
कांग्रेस और बसपा का प्रदर्शन – उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे!
कांग्रेस को तीन सीटों से संतोष करना पड़ा, जहां बलौदा से कविता डहरिया, सारागांव से छबि लाल सूर्यवंशी और अड़भार से कृष्णा रात्रे विजयी हुए। बसपा के लिए पामगढ़ की गौरी छोटू जांगड़े ने इकलौती जीत दर्ज की।
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव – जनता का नया संदेश!
इस चुनाव ने साफ कर दिया कि क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा कायम है, लेकिन जनता ने निर्दलीय उम्मीदवारों को भी पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया। कांग्रेस और बसपा को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अब सभी की नजरें नवनिर्वाचित अध्यक्षों पर टिकी हैं—क्या वे जनता की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे? या फिर यह सिर्फ चुनावी जीत बनकर रह जाएगी?



