
छत्तीसगढ़ में गर्मी अब कहर बनकर टूट रही है। कई जिलों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दोपहर की धूप अब अंगारों जैसी महसूस हो रही है। ऐसे में जहां बड़े लोग जरूरी कामों को भी टाल रहे हैं, वहीं छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल भेजना किसी चुनौती से कम नहीं।
प्रचंड गर्मी की मार अब बच्चों की सेहत पर साफ दिखने लगी है। कई बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है, जिससे चिंतित अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है—बचपन को इस झुलसती गर्मी से राहत दी जाए, ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की जाए।

अब इस मांग को स्कूल संचालकों का भी साथ मिल गया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल छुट्टी घोषित करने की अपील की है। उनका कहना है कि छोटे बच्चों के लिए यह गर्मी सहना मुश्किल हो गया है, और उनकी सेहत से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
प्रदेश के हालात बता रहे हैं कि अब निर्णय की घड़ी आ गई है। क्या सरकार समय रहते इस भीषण गर्मी में मासूमों को राहत देगी? अब सबकी नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।



