
रायगढ़, 14 जून 2025 – रायगढ़ के कायाघाट क्षेत्र में केलो नदी के किनारे प्रस्तावित मरीन ड्राइव परियोजना जहां शहर की सुंदरता और यातायात व्यवस्था को नया आयाम देने वाली है, वहीं इससे प्रभावित गरीब परिवारों के लिए राहत की बड़ी घोषणा की गई है।
प्रदेश के वित्त मंत्री एवं रायगढ़ विधायक श्री ओपी चौधरी ने मरीन ड्राइव निर्माण के पहले चरण में हो रही तोड़फोड़ से प्रभावित गरीब परिवारों के लिए आवास सहायता की घोषणा की है। विधायक ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक वयस्क विस्थापित को आवास योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा और इसके लिए 75 हजार रुपये की राशि CSR मद से दी जाएगी। कुल 100 प्रभावितों के लिए 75 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
बाढ़ सुरक्षा और यातायात व्यवस्था दोनों का समाधान
विस्थापन केवल विकास के लिए नहीं, बल्कि केलो नदी में बार-बार आने वाली बाढ़ से नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। केलो नदी किनारे बसे परिवारों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर बसाना आवश्यक माना गया है।
साथ ही रायगढ़ शहर में तेजी से बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के लिए मरीन ड्राइव का निर्माण बेहद जरूरी बताया गया है। भविष्य में इस मरीन ड्राइव को दोनों ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा, जिससे ट्रैफिक का दबाव शहर के अंदर कम होगा और एक सुगम परिवहन नेटवर्क तैयार होगा।
SEC-L की 44 करोड़ की सौगात, पहले चरण में कायाघाट से शुरुआत
मरीन ड्राइव के पहले चरण में SECL (दक्षिण पूर्व कोलफील्ड्स लिमिटेड) द्वारा 44 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है। इसके तहत केलो चक्रपथ से SECL मुख्यालय तक सड़क का उच्चीकरण, डिवाइडर, ग्रीन प्लांटेशन और लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही 29 करोड़ की लागत से शनि मंदिर से कायाघाट तक मरीन ड्राइव का निर्माण शुरू हो चुका है, जिसे अगली कड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा।
डूब क्षेत्र के लिए नया पुल
कायाघाट के डूब क्षेत्र में आने वाली पुरानी रपटा पुलिया की जगह एक नया, 12 मीटर चौड़ा पुल 8.22 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा, जिससे बाढ़ के दौरान आवाजाही सुरक्षित और सुगम हो सके।
जनता की समस्याओं को संवेदनशीलता से समझते हुए विधायक ओपी चौधरी ने यह स्पष्ट किया है कि विकास कार्यों के साथ-साथ गरीबों और प्रभावितों के पुनर्वास की जिम्मेदारी सरकार की प्राथमिकता है। रायगढ़ शहर अब एक ओर जहां आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, वहीं मानवीय दृष्टिकोण को भी साथ लेकर चल रहा है।



