
रायगढ़, 14 जून 2025 : रायगढ़ के केलो नदी किनारे बसे कयाघाट क्षेत्र में मरीन ड्राइव निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शनिवार सुबह प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाए जाने के साथ ही क्षेत्र में हंगामा शुरू हो गया। पहले चरण में 20 घरों को तोड़ा जा रहा है, जबकि अगले चरण में 100 से अधिक घरों को गिराने की योजना है।
प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में स्थानीय महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और पुलिस का रास्ता रोक लिया। मौके पर तैनात महिला पुलिस बल से उनकी तीखी झड़प हुई। स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
नोटिस के बावजूद नहीं माने लोग, रात में किया था कलेक्टर बंगले का घेराव
नगर निगम द्वारा कयाघाट के 295 परिवारों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया गया था। विरोध में शुक्रवार रात सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने कलेक्टर बंगले का घेराव कर प्रदर्शन किया था। बावजूद इसके, अधिकारी अपने निर्णय पर कायम रहे और शनिवार सुबह 8:30 बजे प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी।
तनावपूर्ण हालात, हर पल बिगड़ सकता है माहौल
तोड़फोड़ के दौरान लोगों ने विरोध जताया, लेकिन प्रशासन की सख्ती के आगे उनकी एक न चली। महिलाओं को जबरन पीछे हटाया गया और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। फिलहाल क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है और हालात किसी भी वक्त और बिगड़ सकते हैं।
प्रशासन का पक्ष – “सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाया जा रहा”
प्रशासन का कहना है कि मरीन ड्राइव का निर्माण शहर के विकास के लिए जरूरी है और कयाघाट क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है।
स्थानीय लोगों की पीड़ा – “सिर्फ छत बची थी, वो भी छीन ली”
स्थानीय निवासी कहते हैं कि वर्षों से वे यहां बसे हैं और अब बिना वैकल्पिक व्यवस्था के घरों को तोड़ा जा रहा है। एक महिला ने रोते हुए कहा – “हम गरीब लोग हैं, बच्चों के सिर से छत भी छीन ली गई।”
यह घटनाक्रम रायगढ़ में प्रशासन और आम जनता के बीच टकराव की एक नई तस्वीर पेश कर रहा है, जहां विकास की राह में मानवता और व्यवस्था आमने-सामने खड़े हैं।



