
📍 सक्ती जिला, 2 जुलाई 2025
“विश्वास यात्रा – जहाँ गाँव, तहाँ थाना” नामक विशेष जनसंपर्क अभियान के रूप में सक्ती पुलिस ने एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है, जो न सिर्फ़ प्रशासनिक दृष्टि से सराहनीय है, बल्कि ग्रामीण जनजीवन में पुलिस की सकारात्मक उपस्थिति को भी गहराई से स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस अभिनव अभियान का मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस और जनता के बीच विश्वास, संवाद और सहयोग की भावना को मजबूती देना है। यह एक दीर्घकालिक व सतत प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत जिले के हर थाना क्षेत्र के ग्रामों को सप्ताह के सातों दिनों में विभाजित कर प्रतिदिन एक नियोजित “विश्वास यात्रा” आयोजित की जा रही है।

🔹 हर गाँव में पहुँचेगी पुलिस टीम
अब सप्ताह में कम से कम एक बार हर गाँव में पुलिस टीम की उपस्थिति तय होगी। ग्राम भ्रमण के दौरान टीम न केवल सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को सुनेगी, बल्कि स्थानीय जनजीवन की आवश्यकताओं एवं सुझावों को भी गंभीरता से लेगी।
🔹 लिंक अधिकारी निभाएंगे संवाद की भूमिका
प्रत्येक दिन एक लिंक अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो अपनी टीम के साथ निर्धारित ग्राम में जाकर प्रत्यक्ष संवाद करेगा। यह संवाद न केवल विश्वास निर्माण में सहायक होगा, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली को और अधिक मानवीय व पारदर्शी भी बनाएगा।
🔹 निगरानी की व्यवस्था और जवाबदेही
हर दिन की यात्रा की जानकारी कंट्रोल रूम के माध्यम से दैनिक स्थिति रिपोर्ट (DSR) में संकलित की जाएगी, जिससे अभियान की नियमित निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
🔹 फ्लेक्स-बैनर से गाँव-गाँव में प्रचार
पंचायत भवनों और थानों में फ्लेक्स-बैनरों के ज़रिए इस अभियान का प्रचार किया जा रहा है, ताकि आमजन को इस मुहिम की जानकारी मिल सके और वे सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
👉 विश्वास यात्रा का प्रभाव
ग्रामीण इलाकों में अक्सर पुलिस को लेकर उपजने वाली भ्रांतियाँ, भय व दूरी को यह पहल दूर कर रही है। लोगों में यह भावना उत्पन्न हो रही है कि पुलिस अब सिर्फ कार्रवाई का नहीं, बल्कि संवाद व सहयोग का माध्यम भी है।
💬 सक्ती पुलिस का संदेश –
“हम केवल कानून के रक्षक नहीं, बल्कि आपके विश्वासपात्र हैं। हमारा उद्देश्य है, एक ऐसा समाज जहाँ पुलिस और जनता कंधे से कंधा मिलाकर गाँव की समृद्धि व सुरक्षा के लिए कार्य करें।”
इस जनसंपर्क अभियान के माध्यम से सक्ती पुलिस ने यह सिद्ध किया है कि जनसुनवाई, विश्वास और संवेदनशीलता को केंद्र में रखकर प्रशासन भी गाँव-गाँव तक अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा सकता है।



