
– कौशल विकास विभाग में गंभीर अनियमितताएं उजागर
फर्जी उपस्थिति दिखाने के मामले में घिरे कौशल विकास के सहायक संचालक मयंक शुक्ला और लेखा प्रभारी ऋचा अग्रवाल अब खुद को बचाने के लिए छात्रों और प्रशिक्षकों पर दबाव बनाने का नया खेल खेल रहे हैं। कलेक्टर द्वारा सेवा समाप्ति के संबंध में अंतिम नोटिस मिलने के बाद दोनों अधिकारी अब विद्यार्थियों से पहले से तैयार फर्जी बयानों पर हस्ताक्षर करवाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें फोन करके कार्यालय बुलाया जा रहा है और धमकाया जा रहा है कि यदि वे हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो उनके प्रमाणपत्र निरस्त कर दिए जाएंगे। इतना ही नहीं, एक प्रशिक्षक ने बताया कि जब उसने फर्जी बयान में सहयोग करने से इनकार किया, तो मयंक शुक्ला द्वारा उसे डांट-फटकार कर दबाव में लाने की कोशिश की गई।

छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “ओम यादव सर” ने हमें साफ कहा कि बयान की बात किसी से नहीं करनी है और मयंक शुक्ला सर ने इस पूरे मामले को गोपनीय रखने को कहा। इससे साफ जाहिर होता है कि मामला केवल एक प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है जिसमें विद्यार्थियों की मजबूरी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई है। वे कह रहे हैं कि बच्चों को कानूनी पचड़े में फंसाने का डर लगातार बना हुआ है। विद्यार्थियों का साफ कहना है कि “हमसे हमारी मर्जी के खिलाफ बयान लिखवाकर हस्ताक्षर करवाना सरासर गलत है।”
कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे इस पूरे घटनाक्रम के मौन गवाह हैं। यदि जांच हो तो सारा सच सामने आ सकता है। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर कितना गंभीर रुख अपनाता है।
🔴 विद्यार्थियों की मांग:
प्रशासन मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए मयंक शुक्ला और ऋचा अग्रवाल पर कठोर कार्रवाई करे ताकि भविष्य में किसी भी छात्र के साथ ऐसा अन्याय न हो और भय का माहौल समाप्त हो।
📢 कलेक्टर महोदय से अपील:
इस संवेदनशील मुद्दे पर त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करके विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित किया जाए।



