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सक्ती -युक्तियुक्तकरण प्रकिया में गड़बड़ी की कमिश्नर की जांच को लेकर जैजैपुर विधायक ने विधानसभा में लाया ध्यानाकर्षण सूचना

सक्ती//सक्ती जिले में चर्चित युक्तियुक्तकरण प्रकिया में अतिशेष निर्धारण एवं पदस्थापना में गड़बड़ी की कमिश्नर बिलासपुर को प्राप्त शिकायत की जांच को लेकर श्री बालेश्वर साहू ने विधानसभा प्रश्न और ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री और सामान्य प्रशासन मंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए इसे सदन के पटल पर रखा है अतारांकित प्रश्न के उत्तर में स्कूल शिक्षा मंत्री ने जबाब दिया है कि पूर्व सभापति जनपद पंचायत मालखरौदा सहित कुल दो शिकायत प्राप्त हुए हैं जांच प्रक्रियाधीन है आगे उन्होंने कमिश्नर की जांच प्रणाली को लेकर ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से अवगत कराया है कि अभी तक जांच टीम का गठन नहीं किया गया और किसी प्रकार से जांच कार्य शुरू नहीं किया गया है।

जैजेपुर विधायक बालेश्वर साहू के द्वारा ध्यानाकर्षण में किया गया प्रश्न

समय सीमा में प्रकरण की विधिवत् जांच कराने की मांग से साथ सदन को जानकारी दी है कि शासन निर्देश के विपरीत युक्तियुक्तकरण प्रकिया में काऊंसलिंग कराने और चारों विकास खण्डों में अलग-अलग मापदंड अपनाकर अतिशेष घोषित करने से सैकड़ों शिक्षक जिले से बाहर हो गए हैं जिले में पहले से शिक्षकों की कमी है और संबंधित अधिकारियों की मनमानी तरीके से युक्तियुक्तकरण प्रकिया अपना ने से शिक्षकों की और कमी हो गई है इससे जिले के बच्चों की अध्यापन ब्यवस्था प्रभावित होगी आज भी बहुत से मिडिल स्कूलों में केवल तीन -तीन शिक्षक ही पदस्थ हैं काऊंसलिंग में बिषय बंधन नहीं था फिर भी विषय अनुसार काऊंसलिंग कराए जाने से बड़ी संख्या में शिक्षक जिले से बाहर हो गए हैं आज भी कुछ शिक्षक अपने मूल पदस्थापना से अन्यत्र संलग्न हैं।केरीबंधा और नंदौरकला हायर सेकंडरी में आठ वर्षों से संचालित वाणिज्य शिक्षण बंद हो गया है विगत सत्र में बच्चे दर्ज होने के बावजूद वहां के संबंधित ब्याख्याताओ को अतिशेष घोषित कर अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया है रिक्त स्थान की गलत जानकारी दिए जाने से छह स्कूलों में रसायन शास्त्र के दो -दो ब्याख्याता की पदस्थापना कर दी गई है। भौतिक शास्त्र के एक ब्याख्याता को 03 जून के आदेश के तहत चांटीपाली में कार्यभार ग्रहण कराया गया था और प्राचार्य ने 10 जून को कार्यभार ग्रहण प्रतिवेदन भी डीईओ को भेज दिया था परन्तु 17 जून को संबंधित ब्याख्याता का जेडी से अनुमोदन दिखाकर संशोधित स्थानांतरण आदेश कोटेतरा वि. ख. जैजैपुर कर दिया गया और वहां भी कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है।

पूर्व जनपद पंचायत सभापति अरूण महिलांगे एवं साथियों द्वारा शिकायत पत्र संभागीय कमिश्नर को सौंपते हुए

एक बार ज्वाइनिंग होने के बाद शासन के स्थानांतरण नीति से ही अन्यत्र स्थानांतरण हो सकता है परन्तु इस नीति का स्पष्ट ऊल्लंघन किया गया है। संयुक्त संचालक बिलासपुर को अनुमोदन करने शासन ने कोई अधिकार नहीं दिया है इसके निराकरण के लिए जिले स्तर पर पहले से कमेटी गठित की गई है और जेडी इसमें सदस्य भी नहीं है।चर्चा में है कि इसके लिए पचास हजार रुपए लिए गए थे और इसी प्रकार से बहुत से शिक्षकों से पूरी प्रक्रिया में अवैध वसूली की गई है। कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अड़भार में पदस्थ जीवविज्ञान के ब्याख्याता को घिवरा वि. ख. जैजैपुर में स्थानांतरण किया गया है जहां पहले से ही जीवविज्ञान के ब्याख्याता पदस्थ हैं और मालखरौदा वि ख में जमगहन हायर सेकंडरी में ब्याख्याता जीव विज्ञान के पद रिक्त है परन्तु काऊंसलिंग में इस स्कूल को बताया ही नहीं गया गोबरा में पदस्थ दो ब्याख्याता जिनकी सेवा दो वर्ष शेष है उनमें से एक को जिनकी सेवानिवृति अक्तूबर 2027है काउंसलिंग में पहले स्थान पर रखा गया तो उनसे वरिष्ठ ब्याख्याता जिनकी सेवानिवृति जून 2027है उसी सूची में 21वें स्थान पर रखा गया जिसके कारण इन्हें बालोद जिले में स्थानांतरण किया गया है शिक्षा स्थायी समिति सक्ती की बैठक दिनांक 19.06.2025में भी युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी की जांच कराने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है परन्तु इसमें भी जांच लंबित है और उन्हीं अधिकारियों कर्मचारियों से प्रतिवेदन मंगाए जा रहे हैं जिन्होंने इस पूरी गड़बड़ी को योजनाबद्ध तरीके से अवैध वसूली करते हुए अंजाम दिया है। तत्कालीन समय में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को प्रभारी डीईओ बनाया गया था तो लगा कि जिले में अनुशासन स्थापित होगा परन्तु जिस प्रकार से प्रशासनिक अधिकारी के प्रभारी डीईओ कार्यालय में युक्तियुक्तकरण में गड़बड़झाला सामने आया है वह चौंकाने वाली है ऐसे गड़बड़ियों पर उचित कार्यवाही करने के बजाय प्रभारी डीईओ मीडिया में इसे बार-बार लिपिकीय त्रुटि बताते रहे हैं मतलब किस प्रकार एक गड़बड़झाला को ढंका जा सके पूरा प्रयास करते रहे हैं अब देखना ये है कि कमिश्नर बिलासपुर विधानसभा में प्रकरण सामने आने के बाद सदन की गरिमा को देखते हुए किस प्रकार जांच कराते हैं और कार्यवाही करते हैं सभी जनमानस और पीड़ित शिक्षकों को इसका इंतजार है।

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