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सक्ती- कोटेतरा में सड़कों पर भटक रहे आवारा पशुओं को मिला सुरक्षित ठिकाना, सरपंच सुनीता रमेश साहू की पहल की पूरे जिले में हो रही प्रशंसा

जैजैपुर। जनपद पंचायत जैजैपुर के ग्राम पंचायत कोटेतरा में आवारा पशुओं के लिए राहत की खबर आई है। लंबे समय से सड़कों पर भटकते और दुर्घटनाओं का कारण बन रहे इन पशुओं को अब मिला है सुरक्षित आश्रय स्थल, और यह संभव हुआ है ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती सुनीता रमेश साहू के अथक प्रयासों से।

सड़क पर घूमते आवारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरपंच सुनीता साहू ने खंडहर हो चुके गोठान का जीर्णोद्धार करवाया और उसे एक सुव्यवस्थित पशु आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया। अब इन पशुओं को यहां चारा-पानी, रात में सुरक्षा, और छाया की व्यवस्था के साथ स्नेहपूर्वक रखा जा रहा है।

शुरुआती दौर में यह जिम्मेदारी गौठान समिति को सौंपी गई थी, लेकिन कुछ पदाधिकारियों द्वारा रुचि न दिखाने के कारण स्वयं सरपंच ने मोर्चा संभाला और अपने नेतृत्व में पूरी व्यवस्था को पटरी पर लाया।

🌾 सरपंच की पहल से किसानों में खुशहाली

पहले खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले पशु अब गोठान में ही सुरक्षित हैं। परिणामस्वरूप इस वर्ष ग्राम कोटेतरा के किसानों में खुशहाली देखी जा रही है। पशुओं के नियंत्रण और देखरेख से फसलों की पैदावार बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

🐄 पशु सेवा में जुटी टीम

गोठान में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा और पानी की व्यवस्था की गई है। सरपंच ने बताया कि गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए मचान और शेड तैयार करने की योजना पर भी काम चल रहा है, साथ ही शासन से अतिरिक्त सहायता राशि की मांग भी की जाएगी।

इस मानवीय और प्रेरणादायी पहल में उपसरपंच श्रीमती मोतिन बाई कर्ष, श्रीमती संगीता कुशल साहू, श्रीमती वंदना सिदार, श्रीमती संतोषी यादव, श्रीमती साधिन बाई, फागुलाल यादव, मिथलेश साहू, शंकर साहू, नोहर प्रसाद यादव, हेमलाल सिदार उर्फ नम्मू, कुमार सिदार, उदयपाल साहू, छौरा यादव, झिथरा यादव, रमेश सिदार और खिलावन साहू सहित अनेक ग्रामवासी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।

🌟 क्षेत्र में हो रही भूरी-भूरी प्रशंसा

ग्राम कोटेतरा में सरपंच सुनीता रमेश साहू की इस सामाजिक और जिम्मेदार पहल की क्षेत्र से लेकर पूरे जिले में भूरी-भूरी प्रशंसा की जा रही है। लोग इसे न केवल पशु संरक्षण का उदाहरण, बल्कि ग्राम प्रबंधन की मिसाल मान रहे हैं।

👉 “यदि हर पंचायत इस तरह जिम्मेदारी से काम करे, तो सड़कों पर आवारा पशु की समस्या जड़ से खत्म हो सकती है,” — क्षेत्रवासियों का कहना है।

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