
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस आरक्षक भर्ती 2023-24 पर लगी रोक को हटा दिया है। यह निर्णय राज्य के युवाओं के लिए राहत की खबर है, जो लंबे समय से इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे।
क्या था मामला?
यह मामला तब शुरू हुआ जब छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक ने गृह विभाग को एक पत्र लिखकर पुलिस विभाग में कार्यरत एक्स सर्विसमैन के बच्चों को भर्ती प्रक्रिया में छूट देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को मंजूरी मिलने पर एक याचिकाकर्ता, बेदाराम टंडन ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने दलील दी थी कि यह छूट सभी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव है और संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। हालांकि, बुधवार को जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सभी पुलिस कर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।
कोर्ट का क्या फैसला है?
- सभी के लिए समान अवसर: कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिलना चाहिए।
- कुछ अपवाद: हालांकि, कोर्ट ने शहीद पुलिस कर्मियों के बच्चों और नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्यरत जवानों के बच्चों को छूट देने का फैसला किया।
- भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी: अब भर्ती प्रक्रिया फिजिकल टेस्ट के साथ आगे बढ़ेगी।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। इससे सभी योग्य उम्मीदवारों को समान मौका मिलेगा।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का यह फैसला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस फैसले से राज्य में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी।



