सक्ती: आगामी नगरपालिका चुनावों के मद्देनजर भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर असंतोष के स्वर तेज हो गए हैं। भाजपा ने नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए चिराग अग्रवाल को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। इस निर्णय के तुरंत बाद पार्टी के वरिष्ठ और कर्मठ नेता संजय रामचंद्र ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
संजय रामचंद्र ने पार्टी की रीति-नीति और टिकट वितरण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा, पूर्व विधायक खिलावन साहू और जिले के प्रभारी गुरूपाल भल्ला समेत कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में टिकट का वितरण पारदर्शी न होकर लेन-देन और साजिश का परिणाम है।
पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप
रामचंद्र ने आरोप लगाया कि विकास अग्रवाल, जो पार्टी में नए हैं, को टिकट देने के लिए भारी लेन-देन की तैयारी की जा रही थी। उनका कहना है कि जब यह बात पार्टी और जनता के बीच आई तो भारी विरोध हुआ, जिससे यह योजना विफल हो गई। इसके बावजूद वरिष्ठता और अनुभव को दरकिनार कर चिराग अग्रवाल को टिकट दे दिया गया।

असंतोष और बगावत के संकेत
संजय रामचंद्र ने पार्टी पर क्षेत्र में संगठन को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उनका इस्तीफा यह दिखाता है कि भाजपा के भीतर असंतोष और गुटबाजी गहराती जा रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ते विरोध और बगावत के संकेत ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
क्या कहती है पार्टी?
भाजपा अब इस संकट को कैसे संभालेगी, यह देखने वाली बात होगी। क्या पार्टी संजय रामचंद्र के आरोपों की जांच करेगी, उनके त्यागपत्र को स्वीकार करेगी, या मामला सुलझाने के प्रयास किए जाएंगे? इसके अलावा, यह भी देखना होगा कि क्या अन्य असंतुष्ट कार्यकर्ता भी इसी राह पर चलेंगे।
इस घटना ने सक्ती नगरपालिका चुनाव को और भी रोचक और जटिल बना दिया है। अब यह देखना होगा कि भाजपा इस चुनौती से कैसे निपटती है और आगामी चुनावों में जनता का भरोसा जीतने में सफल होती है या नहीं।



