
बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में एनएसएस कैंप के दौरान सामने आया धर्म से जुड़ा विवाद अब गरमा गया है। आरोप है कि 30 मार्च, ईद के दिन, एनएसएस कैंप में मौजूद 159 छात्रों में से सिर्फ 4 मुस्लिम थे – बावजूद इसके बाकी 155 छात्रों को जबरन नमाज़ पढ़ने के लिए मजबूर किया गया।
छात्रों ने इसे मज़हबी स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए कोनी थाने में लिखित शिकायत दी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया है। पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस पर जवाब तलब किया है।

प्रशासन ने भी ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए एनएसएस समन्वयक प्रो. दिलीप झा को उनके पद से हटा दिया है। अब पुलिस इस शिकायत के आधार पर आगे की जांच की तैयारी में है।
क्या शिक्षा संस्थानों में इस तरह की धार्मिक जबरदस्ती जायज़ है?
मामला न सिर्फ छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता का है, बल्कि विश्वविद्यालयों की तटस्थता और संविधानिक मूल्यों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।



