
जैजैपुर/सक्ती।
सक्ती जिले के जैजैपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कोटेतरा में जल जीवन मिशन के तहत शुरू हुई बहुप्रतीक्षित नल-जल योजना डेढ़ वर्ष बाद भी अधर में लटकी हुई है। करोड़ों रुपये की लागत से आरंभ की गई इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना था, लेकिन आज तक ग्रामीण एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि योजना के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने का काम अधूरा है। कहीं काम बंद पड़ा है तो कहीं अधकचरे तरीके से छोड़ दिया गया है। कई स्थानों पर गली के पक्के सीसी सड़कों को तोड़ कर छोड़ दिया गया, जिससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधियों ने जताया आक्रोश
ग्राम की उपसरपंच मोतिन बाई कर्ष ने कहा कि ठेकेदारों की मनमानी और विभागीय लापरवाही के कारण योजना बीच में ही अटक गई है। गर्मी के इन भीषण दिनों में गांव के लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं, लेकिन अधिकारी और ठेकेदार बेपरवाह बने हुए हैं।
सरपंच सुनीता साहू ने बताया कि नल-जल योजना के कार्य में पारदर्शिता नहीं है और इसका सीधा लाभ केवल ठेकेदारों को मिल रहा है। शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है, जिससे आम ग्रामीण वंचित रह गए हैं।
शिकायतों का नहीं हो रहा संज्ञान
ग्रामीण मिथलेश साहू ने बताया कि कई बार पीएचई विभाग को मौखिक और लिखित शिकायत दी गई, लेकिन न तो कोई जवाब मिला और न ही कोई ठोस कार्रवाई हुई। गांव में पेयजल की समस्या पहले जैसी बनी हुई है और गर्मी में यह समस्या और गंभीर हो गई है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी योजना
ग्रामीणों का कहना है कि अगर ठेकेदार और विभागीय अधिकारी ईमानदारी से काम करते तो यह योजना समय पर पूरी हो जाती। अब तक करोड़ों की राशि खर्च होने के बाद भी परिणाम शून्य हैं। यह योजना सिर्फ कागजों पर ही पूरी दिख रही है, जबकि जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है।
आगे क्या?
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस योजना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और योजना को शीघ्र पूर्ण कर हर घर को पेयजल उपलब्ध कराया जाए। साथ ही अधूरी पड़ी गलियों और टूटी सड़कों की मरम्मत भी प्राथमिकता के साथ करवाई जाए।



