
रायपुर। राज्योत्सव से ठीक पहले राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना ने पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर फैला दी है। शनिवार देर रात राम मंदिर के पास वीआईपी चौक में अज्ञात असामाजिक तत्वों ने महतारी की मूर्ति को दीवार से उखाड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे मूर्ति का सिर अलग हो गया।
रविवार सुबह जब लोगों ने टूटी प्रतिमा देखी तो इलाके में सनसनी फैल गई। देखते ही देखते बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और संगठन के सदस्य मौके पर एकत्रित हो गए।
घटना स्थल पर पुलिस और प्रशासनिक अमला जुटा
सूचना मिलते ही तेलीबांधा पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडिशनल एसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर, सिविल लाइन सीएसपी रमाकांत साहू समेत दो थानेदार और दर्जनभर पुलिसकर्मी तैनात किए गए। पुलिस ने तुरंत मूर्ति के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है, ताकि आरोपी तक पहुंचा जा सके।
क्रांति सेना ने जताया आक्रोश — कहा, “यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर हमला”
छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना, जिसने यह प्रतिमा स्थापित की थी, ने घटना को “राज्य की अस्मिता और संस्कृति पर हमला” बताया है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने मौके पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जोहार पार्टी के प्रमुख अमित बघेल ने कहा — “यह सिर्फ मूर्ति नहीं टूटी है, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा को चोट पहुंचाई गई है। जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा।”
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नारेबाजी और हल्की झड़प भी हुई। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है, हालांकि अब तक किसी की औपचारिक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
FIR दर्ज, आरोपी की तलाश जारी
तेलीबांधा थाना पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि यह अपराध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 298 के तहत दर्ज किया गया है, जिसके तहत किसी धर्म, वर्ग या पूजा स्थल से जुड़ी पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाने पर आपराधिक मामला बनता है।
मुख्यमंत्री की सख्त प्रतिक्रिया — “आस्था और अस्मिता का अपमान बर्दाश्त नहीं”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा — “छत्तीसगढ़ महतारी हमारी अस्मिता का प्रतीक हैं। जिसने भी इस शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया है, उसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
प्रदेशभर में उबाल, प्रशासन अलर्ट पर
राज्योत्सव से ठीक पहले हुई इस घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ में गुस्से की लहर फैला दी है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं और दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जल्द ही आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
राज्य की अस्मिता पर चोट करने वाली इस घटना ने न केवल राजधानी बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की भावनाओं को झकझोर दिया है।



