
रायपुर//छत्तीसगढ़ की राजनीति में सोमवार की सुबह भूचाल आ गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापेमारी की। इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई से राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
सुबह-सुबह ED की दस्तक, 14 ठिकानों पर रेड
सूत्रों के मुताबिक, ED की टीमें तड़के सुबह ही अलग-अलग लोकेशनों पर पहुंच गईं और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में जांच शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के अलग-अलग 14 स्थानों पर यह कार्रवाई की जा रही है, जिसमें कई करीबी सहयोगियों के ठिकाने भी शामिल हैं।
राजनीति में घमासान, कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने
इस छापेमारी के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया, जबकि भाजपा का कहना है कि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई जरूरी है।
क्या है पूरा मामला?
ED की इस रेड को कथित आर्थिक अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच का हिस्सा बताया जा रहा है। अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल डेटा को जब्त कर लिया है।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया
छापेमारी के तुरंत बाद भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि “यह राजनीतिक प्रतिशोध है, हमें डराया नहीं जा सकता!”
क्या छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा सियासी तापमान?
इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति और गरमा गई है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। अब सभी की नजरें ED की अगली कार्रवाई और भूपेश बघेल की रणनीति पर टिकी हुई हैं।



