
जैजैपुर/कोटेतरा:
विकासखंड जैजैपुर के ग्राम पंचायत कोटेतरा में इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 42 वर्षों बाद ऐतिहासिक और भव्य रूप से निकाली गई। गुड़ी चौक से प्रारंभ हुई इस रथयात्रा में ग्रामवासी और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो “जय जगन्नाथ” के जयघोष के साथ पूरे गांव को भक्तिमय बना रही थी।

भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के पवित्र विग्रहों को पारंपरिक विधि से सजे रथ पर विराजित किया गया। दोपहर 3 बजे आरती के पश्चात रथयात्रा का शुभारंभ हुआ। भक्तों की टोली रथ खींचने के लिए उत्साह और आस्था से सराबोर थी। पूरे मार्ग में श्रद्धालु बारी-बारी से रथ खींचते दिखे, रथ के आगे झाड़ू लगाकर सेवा कर रहे भक्तों ने परंपरा को जीवंत कर दिया।
कर्मा नृत्य व कीर्तन से सजी रथयात्रा:
रथयात्रा के आगे चल रही टोली “हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे” की धुन पर मृदंग की थाप और झांझ-मंजीरे के साथ नाचती-गाती चल रही थी। वहीं, छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कर्मा नृत्य ने पूरे वातावरण को लोकसंस्कृति से भर दिया। श्रद्धालुओं ने नृत्य और भजन के माध्यम से अपनी भक्ति अर्पित की।
42 वर्षों बाद फिर जीवंत हुई परंपरा:
ग्रामवासियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि लगभग 42 वर्ष बाद यह रथयात्रा पुनः आयोजित की गई, जिसे नवनिर्वाचित सरपंच श्रीमती सुनीता रमेश साहू की अगुवाई में बड़े उत्साह और सफल आयोजन के रूप में संपन्न किया गया। यह न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी गांव के लिए गौरव का क्षण रहा।
प्रमुख जनप्रतिनिधि व अधिकारी रहे उपस्थित:
इस पावन अवसर पर जनपद पंचायत जैजैपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री वर्षारानी चिकनजुरी, ब्लॉक समन्वयक एसबीएम श्री करम सिंह कंवर, सरपंच श्रीमती सुनीता रमेश साहू सहित कई गणमान्य नागरिक और सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर भगवान की पूजा-अर्चना की और दर्शन पश्चात प्रसाद वितरण में भाग लिया।
गांव में उमड़ा श्रद्धा और आनंद का सैलाब:
इस ऐतिहासिक रथयात्रा ने गांव में नई ऊर्जा का संचार किया। परंपरा, संस्कृति और आध्यात्म का यह संगम कोटेतरा गांव के लिए अविस्मरणीय बन गया।
📸 रथयात्रा की कुछ झलकियों ने यह सिद्ध कर दिया कि आस्था जब जागती है, तो इतिहास बनता है।



