
जैजैपुर / सक्ती।
“खबर की असर” एक बार फिर देखने को मिली है। भुतहा नर्सरी में बिना अनुमति हरे-भरे पेड़ों की कटाई के मामले में सहायक संचालक उद्यान, सक्ती ने गंभीर संज्ञान लेते हुए उद्यान अधीक्षक एस.एन. चौबे को नोटिस थमा दिया है।
प्रदेश सरकार जहाँ पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई योजनाएँ चला रही है, वहीं जमीनी स्तर पर कुछ अधिकारी नियमों की अनदेखी करने से नहीं चूक रहे। जानकारी के अनुसार, भुतहा नर्सरी में फलदार पेड़ों की अवैध कटाई की गई और उन्हें ₹36,000 में बेच दिया गया, वह भी बिना किसी वन विभागीय अनुमति या नीलामी प्रक्रिया के।

सहायक संचालक उद्यान सक्ती ने अपने पत्र में अधीक्षक चौबे से स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि –
“वन विभाग से बिना अनुमति पेड़ काटना और उनका विक्रय शासकीय नियमों का उल्लंघन है। यदि बिक्री से प्राप्त राशि सरकारी खाते में जमा नहीं की गई, तो यह राजकोषीय नुकसान माना जाएगा। स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करने पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।”
🌲 नहीं थम रही पेड़ कटाई की मनमानी
भुतहा नर्सरी में पेड़ों की कटाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि “हरे पेड़ों को खतरा बताकर हटाया जा रहा है, जबकि वे पूरी तरह स्वस्थ थे।”
वन विभाग की मानें तो सरकारी संस्था अपने परिसर के पेड़ों को केवल तब काट सकती है, जब वन विभाग द्वारा उनका मूल्यांकन और नीलामी प्रक्रिया पूरी की जाए, लेकिन इस मामले में कोई पत्राचार नहीं किया गया।
🌿 जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग तेज़
ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों में आक्रोश बढ़ गया है। उनका कहना है कि “जो नर्सरी पेड़ों की रक्षा का प्रतीक होनी चाहिए, वहीं अब पेड़ों का विनाश हो रहा है।”
लोगों ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में सरकारी परिसरों में इस तरह की मनमानी दोबारा न हो।
✍️ रिपोर्ट :, जैजैपुर / सक्ती



