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सक्ती -🛑 “ना बाबू, ना नेट – तहसीलदारों का फूटा दर्द, धरने पर बैठे अधिकारी!”

📍 सक्ती | विशेष रिपोर्ट – CGNews24Express

“सिस्टम स्लो है साहब… अफसर भी अब थक चुके हैं!”
सक्ती जिले के प्रशासनिक अमले ने आज शासन को आइना दिखा दिया। जिलेभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सरकारी उपेक्षा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर परिसर में एकजुट होकर धरना दिया।


⚠️ धरना क्यों?

“ना बाबू हैं, ना नेट… और संसाधन तो जैसे सरकारी रजिस्टर में ही बंद हैं!”
सक्ती जिले के नये व पुराने तहसील – सक्ती, डभरा, जैजैपुर, मालखरौदा, बाराद्वार, हसौद, चंद्रपुर, भोथिया और अडभार – सभी में मानव संसाधन और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।


🔍 तहसीलों की हकीकत:

  • स्टेनो, टायपिस्ट, कानूनगो, डब्ल्यूबीएम, भूईंया ऑपरेटर, रीडर – स्वीकृत हैं, मगर नियुक्त नहीं।
  • किसी तहसील में न वाहन, न चालक और न ही ईंधन की सुविधा।
  • कंप्यूटर, स्टेशनरी, इंटरनेट जैसी बुनियादी जरूरतें तक अधिकारियों को अपने निजी खर्चे से पूरी करनी पड़ रही हैं।

📢 17 सूत्रीय मांगों के समर्थन में जिला स्तरीय धरना शुरू!

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की प्रदेश स्तरीय पहल पर आज से सक्ती जिले में भी अधिकारियों ने धरना आंदोलन की शुरुआत की।

धरना स्थल: जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर, सक्ती

➡️ आंदोलन का उद्देश्य – तहसीलों को मानव संसाधन और तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित करना, ताकि आम नागरिकों को राहत मिल सके।


👥 धरने में शामिल प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी:

  • विद्याभूषण साव (जिला इकाई अध्यक्ष)
  • सुशीला साहू
  • गरिमा मनहर
  • संजय मिंज
  • मनमोहन सिंह
  • लक्ष्मीकांत कोरी
  • सिद्धार्थ अनंत
  • बिसाहीन चौहान
  • डॉ. रविशंकर राठौर
  • आशीष पटेल

🗣️ आखिर कब सुधरेगा सिस्टम?

तहसीलदारों ने स्पष्ट कहा है कि –
“हम जनता के लिए हैं, लेकिन जब खुद के पास काम करने के साधन न हों, तो सेवा कैसे दें? अब हम चुप नहीं रहेंगे।”


🟨 CGNews24Express की अपील:
👉 शासन को चाहिए कि वह तहसील स्तर के कामकाज को गंभीरता से लेते हुए इन ज़मीनी अधिकारियों की मांगों पर तत्काल कार्यवाही करे।

📲 “जहां अफसर भी बेबस हों, वहां आवाज़ बनेगा CGNews24Express!”

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