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रायपुर – 🛑 ज्वलंत मुद्दा: एनएमडीसी रायपुर कार्यालय की तालाबंदी – छत्तीसगढ़ की गरिमा से खिलवाड़?

📌 एनएमडीसी मुख्यालय को रायपुर लाओ – अब नहीं तो कब?

रायपुर, छत्तीसगढ़ | विशेष रिपोर्ट | CGNews24Express
छत्तीसगढ़ का लोहा, तेलंगाना की चांदी – लेकिन आखिर कब तक?
देश की सबसे बड़ी खनिज कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड बीते सात दशकों से छत्तीसगढ़ के बैलाडीला जैसे खनिज समृद्ध क्षेत्र से 80% से अधिक लाभ कमा रही है, फिर भी इसका मुख्यालय हैदराबाद (तेलंगाना) में संचालित हो रहा है। यह एक गंभीर आर्थिक व सामाजिक अन्याय नहीं तो और क्या है?

🔥 “मेहनत करे छत्तीसगढ़, फल खाए तेलंगाना!”

एनएमडीसी का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में स्थापित करने की मांग कोई नई नहीं है। 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को अनुशंसा भी भेज चुकी है। बावजूद इसके, छत्तीसगढ़ की उपेक्षा लगातार जारी है।

🚨 3 मई 2025 का निर्णय: रायपुर ऑफिस की तालाबंदी

एनएमडीसी ने 3 मई को रायपुर स्थित ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर (GEC) को बंद करने का फैसला लिया और हैदराबाद के पटांचेरू में 1000 करोड़ की लागत से नया मुख्यालय भवन तैयार किया जा रहा है। जबकि नया रायपुर में उसे दी गई भूमि वर्षों से खाली पड़ी है।

🧾 छत्तीसगढ़ से कमाई – खर्च विदेशों में!

एनएमडीसी द्वारा—

  • दुबई, सिडनी, अहमदाबाद में नये कार्यालय खोलना
  • वायजाग, कोलकाता, बेंगलुरु में रीजनल ऑफिस
  • तेलंगाना के पलोंचा में मृतप्राय परियोजनाओं का पुनर्निर्माण
  • लाखों करोड़ों की मैराथन, विज्ञापन और विदेशी प्रदर्शनियों में भागीदारी

ये सब यह दर्शाते हैं कि छत्तीसगढ़ केवल राजस्व स्रोत बनकर रह गया है।

स्थानीयों की नौकरियों में कटौती, अपमान और सौतेलापन

हालिया भर्तियों में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की सुनियोजित उपेक्षा की गई। अधिकारियों को सीधे बाहर से नियुक्त कर लिया गया, जबकि स्थानीय युवाओं को अवसर तक नहीं मिला। क्या यही “न्याय” है?

🤔 मुख्यालय रायपुर क्यों नहीं?

जब—

  • नागपुर में IBM,
  • धनबाद में DGMS,
  • रांची में CMPDI,
  • भुवनेश्वर में NALCO का मुख्यालय हो सकता है,

तो खनिजों से भरपूर छत्तीसगढ़ के रायपुर में एनएमडीसी का मुख्यालय क्यों नहीं हो सकता?

📣 जनभावनाओं का सम्मान करें – नहीं तो आंदोलन तय

छत्तीसगढ़ सरकार से अपेक्षा है कि आगामी विधानसभा सत्र में मुख्यालय स्थानांतरण का नया प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजे।
इस राज्य की सहनशीलता को कमजोरी न समझा जाए। यह चुप्पी अब प्रतिरोध में बदलेगी।


🗣 “एनएमडीसी – छत्तीसगढ़ की छाती पर मूंग दल रहा है!”
छोटे से रायपुर ऑफिस को बंद करना और हैदराबाद में हजारों करोड़ बहाना, एक स्पष्ट अपमान और विश्वासघात है।

👉 अब समय है कि “खनिजों की राजधानी” छत्तीसगढ़ को उसका न्यायसंगत अधिकार – एनएमडीसी मुख्यालय मिले

“आवाज उठाइए, हक़ दिलाइए!

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