सक्ती-/युक्तियुक्तकरण में अतिशेष निर्धारण एवं पदस्थापना में गड़बड़ी को लेकर चर्चा में रहे सक्ती जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने एक बार फिर से शासन के सारे निर्देशों एवं नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए युक्तियुक्तकरण प्रकिया के तहत नवीन पदस्थापना संस्था में कार्यभार ग्रहण कर चुके ब्याख्याता के पदस्थापना में संशोधन करते हुए नये पदस्थापना का आदेश जारी कर दिया और वहां भी कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है इस प्रकार इस प्रक्रिया में एक कर्मचारी एक ही महीने के भीतर दो- दो संस्था में कार्य भार ग्रहण कराया गया है और यदि हम नियम की बात करें तो एक बार किसी भी संस्था में कार्यभार ग्रहण कर लिए जाने पर किसी भी शासकीय सेवक का स्थानांतरण के तहत ही दूसरे स्थान पर पदस्थापना की जा सकती है


परन्तु इस प्रावधान को धता बताते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती एवं सचिव युक्तियुक्तकरण समिति ने काऊंसलिंग पश्चात अपने आदेश दिनांक 03.06.2025 में श्री वेदप्रकाश देवांगन ब्याख्याता (एल बी )भौतिक शास्त्र शा. उ.मा.वि. कन्या बाराद्वार को शा. उ. मा. वि. चांटीपाली वि. ख. मालखरौदा के लिए पदस्थापना आदेश जारी किया था तीन दिवस के भीतर कार्यभार ग्रहण करना था और उस आदेश के पालन में संबंधित ब्याख्याता ने दिनांक 10.06.2025 को कार्यभार ग्रहण कर लिया था इस आशय का प्रतिवेदन प्राचार्य शा. उ. मा. वि. चांटीपाली ने अपने पत्र क्रमांक 04 दिनांक 10.06.2025 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सक्ती को अवगत कराया था परन्तु इसकी जानकारी होने के बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने पुनः एक और आदेश दिनांक 17.06.2025 जारी करते हुए श्री वेदप्रकाश देवांगन का पदस्थापना शा. उ. मा. वि. कोटेतरा वि. ख. जैजैपुर कर दिया और जानकारी मिली है कि संबंधित ने यहां भी कार्यभार ग्रहण कर लिया है जबकि एक बार कार्यभार ग्रहण कर लेने के पश्चात केवल शासन के स्थानांतरण नीति के तहत ही दूसरे संस्था में पदस्थापना की जा सकती है इन आदेश में खास बात यह भी है इसे संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर और कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला युक्तियुक्तकरण समिति द्वारा अनुमोदित लिखा गया है इसका तात्पर्य है कि जिला शिक्षा कार्यालय ने कार्यभार ग्रहण करने की जानकारी को उच्चाधिकारियों की जानकारी में नहीं लाया है जब युक्तियुक्तकरण प्रकिया में जिला स्तर के प्रकरणों का निपटारा करने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है जिसमें संयुक्त संचालक सदस्य भी नहीं है तो वे अनुमोदन कैसे कर सकते हैं।इसके पहले भी युक्तियुक्तकरण प्रकिया में अतिशेष निर्धारण एवं पदस्थापना में गड़बड़ी की जांच की मांग के साथ पूर्व सभापति एवं समाजसेवी श्री अरुण महिलांगे(पिहरीद) एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला सचिव भानु प्रताप चौहान के नेतृत्व में कमिश्नर बिलासपुर को शिकायत पत्र सौंपा गया था उन्होंने निष्पक्ष जांच का आश्वासन भी दिया है और जानकारी यह भी मिली है विधानसभा के मानसून सत्र में भी कमिश्नर के समक्ष की गई शिकायत कि जांच पर कार्यवाही करने के संबंध में जानकारी चाही गई है जिसका माननीय मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री सदन में 14जुलाई को जबाब देंगे।जिला शिक्षा समिति के सदस्य श्रीमती विद्या सिदार ने भी समिति की बैठक में विभिन्न गड़बड़ियों की ओर ध्यान लाते हुए जांच कराने की मांग किया है और अब देखना ये है कि उच्चाधिकारी लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों के आधार पर किस प्रकार से संज्ञान लेते हैं सभी पीड़ित शिक्षकों और जनमानस को निष्पक्ष जांच की कार्यवाही का इंतजार है।



