
सक्ती//जैजैपुर: सक्ती जनपद के जैजैपुर विकास खंड में सीईओ वर्षारानी चिकनजुरी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। एक ऑनलाइन शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सीईओ ने ग्राम पंचायत दर्राभाठा की सरपंच और सचिव को भ्रष्टाचार के मामलों में संरक्षण दिया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इन अधिकारियों के खिलाफ जांच के बावजूद सीईओ ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सक्ती कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं। जांच टीम को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
क्या है मामला?
ग्राम पंचायत दर्राभाठा में सरपंच और सचिव की कार्यप्रणाली लंबे समय से विवादों में रही है। ग्रामीणों ने इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कई बार शिकायत की है। हालांकि, सीईओ के कथित संरक्षण के कारण इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एक पत्रकार ने इस मामले को उठाते हुए सीईओ पर भ्रष्टाचारियों से मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। पत्रकार के अनुसार, सीईओ ने भ्रष्टाचारियों से मोटी रकम लेकर उनकी गलतियों को नजरअंदाज किया है।
लोगों में रोष
इस मामले ने क्षेत्र में लोगों में रोष पैदा कर दिया है। लोग सीईओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीईओ के इस तरह के रवैये से शासन प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस मामले में अभी तक सीईओ या अन्य अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
विश्लेषण
यह मामला एक बार फिर भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को उजागर करता है। यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाले अधिकारी भी इस अपराध में शामिल होते हैं।
इस मामले में प्रशासन को सख्त कार्रवाई करते हुए दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। साथ ही, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।



